भारत एक ऐतिहासिक देश है इस देश का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है यही वजह है
कि इस देश में इतने ज्यादा ऐतिहासिक स्थल है कि शायद ही इतने किसी और देश में हो
भारत के ऐतिहासिक स्थल अपनी बनावट और खूबसूरती की वजह से दुनिया भर में जाने जाते हैं
आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे जयपुर के हवामहल की तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िगा
हवा महल की जानकारी
हवा महल का निर्माण राजस्थान की राजधानी जयपुर (पिंक सिटी) में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने कराया था
यह महल राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित सिटी पैलेस के किनारे बना हुआ एक भव्य महल हैं
महाराजा सवाई प्रताप सिंह राजस्थान के झुंझनू शहर में महाराजा भोपाल सिंह द्वारा निर्मित खेतड़ी महल से प्रभावित थे
इसी कारण उन्होंने हवा महल को बनवाने का निणर्य लिया इस महल के वास्तुकार लालचंद उस्ताद थे।
उन्होंने इस महल को किसी राज मुकुट की तरह डिजाइन किया था
इस महल की खासियत ये है की इसको बाहर से देखने पर ये महल मधुमक्खी के छत की तरह दिखाई देता है
इस महल में 953 खिड़किया बनाई गई हैं जिन्हे झरोखे कहा जाता है।
जिसके कारण महल में हवा का संचालन रहता है और महल हमेशा ठंडा रहता है
इसलिए इस महल को पैलेस ऑफ विंड के नाम से भी जाना जाता है
इस महल का नाम हवा महल इसकी पांचवी मंजिल के कारण पड़ा महल की पहली मंजिल पर शरद मंदिर है
दूसरी पर रतन मंदिर इसी प्रकार तीसरी पर विचित्र मंदिर चौथी पर प्रकाश मंदिर तथा पांचवी पर हवा मंदिर मौजूद है।
असल में इस महल का निर्माण राज घराने की महिलाओं के लिए कराया गया था
क्योंकि उस समय महिलाएं पर्दा प्रथा का कढ़ाई के साथ पालन करती थी
जिस वजह से उन्हें किसी कार्यक्रम या अवलोकन आदि में सार्वजनिक तौर
पर लोगों के सामने आने की अनुमति नहीं थी.
इसी बात को ध्यान में रखा इसका महल निर्माण कराया गया था
इस महल में लगी बेहद खूबसूरत और नक्काशीदार झरोखे जिन पर हल्की जाली लगी है
इन्हीं झरोखों से राज घराने की महिलाएं सड़क पर हो रहे अवलोकन तथा दैनिक जीवन में होने वाली गतिविधियों को
बिना किसी को नजर आए आसानी से देख सकती थी
5 मंजिला इस इमारत की उचाई 87 फुट है महल को चुना लाल तथा गुलाबी रंग के पत्थरों से तैयार किया गया है
महल के अंदर ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां नहीं है बल्कि एक ढाल रास्ता है
उसी रस्ते से हो कर ऊपर जाया जाता है
मुगल तथा राजपूत शैली पर आधारित बिना आधार के बनी
यह 5 मंजिला इमारत अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में जानी जाती है
हवा महल को देखने के लिए हर साल देश विदेश से लाखों पहले इसे देखने की लिए आते हैं
फिल्म शूटिंग की लिए फिल्म निर्माताओं का यह सबसे पसंदीदा पॉइंटों में से एक है
हवा महल की उचाई 87 फिट है लेकिन इस महल की दो मंजिलों में आँगन
तथा तीन मंज़िलों में एक कमरे जितनी जगह है
हवामहल का सामने तरह कोई द्वार नहीं है इस महल में प्रवेश करने के लिए
सिटी पैलेस के बराबर से द्वार लगा हुआ है उसी द्वार से इस महल में प्रवेश किया जाता है
इस महल का डिजाइन इस्लामिक मुग़ल वास्तु कला तथा हिंदू राजपूत वास्तुकला का अंगूठा मिश्रण है
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